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शालिनी मोहन

Abstract

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शालिनी मोहन

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प्रस्तुति

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वर्तमान का सुगढ़ इतिहास

क़ैद है खाइयों में

स्थिर पहाड़ों में

समानांतर...बिम्ब

प्रलय.....


एक इतिहास

दिखता है अवशेषों में

अवतरित....

गुम्बज पर जमे

पीपल पर

सारांश.....

युगांत

युगांत...... निर्विवादित सत्य



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