जंगली फूल और उनकी सुंदरता
जंगली फूल और उनकी सुंदरता
जंगल जंगल घूमी हूं मैं
कुदरत का अद्भुत करिश्मा है मैंने देखा
जगह जमीन पर खूबसूरती से पेड़ फूल लगता देखे।
मन बहुत कुछ कह जाता है, बहुत कुछ सोच जाता है।
कि पर्वतों की गोद में, वन की छाँव में,
मुस्कुराते हैं जंगली फूल,
सादगी की मूरत ये, कुदरत के नूर।
कैसा प्यारा यह नजारा होता है
न रंगों की धूमधाम, न बाग़ की शान,
फिर भी खिलखिलाते,
ये अनजान।
हवा संग झूमते, धूप संग खिलते,
बिना किसी चाह के, हर दिन ये हंसते।
न कोई माली, न कोई देखभाल,
स्वाभाविक सौंदर्य, ये हैं बेमिसाल।
किसी के कदमों में, चुपचाप बिछ जाते,
बिना किसी गिले, ये हर दर्द सह जाते।
हर एक रंग, हर एक गंध,
जीवन का संदेश, इनसे है प्रचंड।
जंगली फूलों से, सीखो ये बात,
सादगी में भी, है अनंत सौगात।
करते हैं ईश्वर को धन्यवाद की कैसी अच्छी उनकी है अनंत सौगात।
करो ईश्वर की सौगात की इज्जत।
ना काटो तुम जंगल
और
ना बनाओ सीमेंट कंक्रीट के जंगल।
प्रकृति से करो ना छेड़छाड़।
सुंदर प्रकृति को रहने दो।
ऐसे ही प्रकृति का सुंदर नजारा देखने दो।
