कौन क्या कहेगा ये न सोचो अपनी मंजिल की ओर बढ़ते रहोI कौन क्या कहेगा ये न सोचो अपनी मंजिल की ओर बढ़ते रहोI
तुम्हारे लिए बस ये प्रेम है, पर मेरा प्रेम तो, परे है हर बंधन से, तुम्हारे लिए बस ये प्रेम है, पर मेरा प्रेम तो, परे है हर बंधन से,