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Rohtash Verma ' मुसाफ़िर '

Action Inspirational

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Rohtash Verma ' मुसाफ़िर '

Action Inspirational

मैं वही हूं ना

मैं वही हूं ना

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तुमने कहा...

मैं बदल गया हूं;

मगर गौर से देख...

मैं वही हूं ना!!


हां, थोड़ी मजबूरियां है।

थोड़ी दूरियां है।

परवाह, पैसों की चिंता में,

उभरी चेहरे पर झुर्रियां है।

लेकिन, जिंदगी के पथ पर,

सोचो! सही हूं ना!!


लड़का हूं...

बहुत सोचना पड़ता है।

कभी स्वयं को...

तो कभी किस्मत को 

कोसना पड़ता है।

निभाते हुए सारे कायदे...

अंधेरों में खोया हुआ,

बस यहीं कहीं हूं ना!!


तुमने कहा...

मैं बदल गया!

मगर गौर से देख...

मैं वही हूं ना!!



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