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Rohtash Verma ' मुसाफ़िर '

Drama Action Crime

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Rohtash Verma ' मुसाफ़िर '

Drama Action Crime

गीत - यहां कोई नहीं अपना

गीत - यहां कोई नहीं अपना

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खुदा तू मुझको इतना बता, 

ये दुनिया कैसी बनाई है....

यहाँ पर कोई नहीं अपना, 

खत्म तेरी भी खुदाई है।


लूट पाट का मेला लगा है, 

लाखों यहाँ पर बिकते हैं।

काले दिल के बने हैं सारे, 

चेहरे अच्छे जो दिखते हैं।


खुदा मैं कैसे रहूं अब यहाँ, 

नजर ना तेरी अच्छाई है....

यहाँ पर कोई नहीं अपना................................


नाम तेरा ही लेकर खुदा ये, 

लाखों पैसे कमाते हैं।

तुझको खुदा ये कहने वाले, 

खुद ही खुदा बन जाते हैं।


दिल ये मेरा संभलता नहीं, 

दिखे जो काली कमाई है.......

यहाँ पर कोई नहीं अपना................................


खुदा तू मुझको इतना बता, 

ये दुनिया कैसी बनाई है......


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