STORYMIRROR

Sumit. Malhotra

Abstract Romance Action

4  

Sumit. Malhotra

Abstract Romance Action

नज़रों से दूर-दूर।

नज़रों से दूर-दूर।

1 min
219

नज़रों से दूर-दूर जाओ नहीं तुम हुज़ूर, 

रोज़ खिलाएंगे तुम्हारे मनपसंद खजूर।


प्यार तुमसे करते हमसफ़र बनो हुज़ूर, 

तेरे बिना ज़िन्दगी बिताना ना है मंजूर। 


दिल नादान मासूम चंचल बहुत हुज़ूर, 

प्यार कर तुमसे बैठा तुम्हें चाहे ज़रूर। 


क़िस्मत के तराजू के पलड़े तुम हुज़ूर, 

दूसरे पलड़े में भी तेरा प्यार रखें हुज़ूर। 


क़िस्मत साथ देगी तुम वधू बनो हुज़ूर, 

तेरी क़सम तेरा हर सितम भी है मंजूर।


प्यार की कश्ती में सवारी करना हुज़ूर, 

सुख-दुख के तूफ़ान साथ झेलने मंजूर।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract