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Sachin Gupta

Tragedy Action Inspirational

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Sachin Gupta

Tragedy Action Inspirational

शहीद को नमन

शहीद को नमन

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नमन करूँ मैं तुझको किन श्रद्धा के फूलों से

गुथ- गुथ माला शब्दों की

अब क्या भेंट करूँ मैं तुझको

अब इतना भी मैं धनवान नहीं,

जो संगमरमर मे खुदवा दूँ तुझको

हे महामानवो में महामानव

अब क्या भेंट करूँ मैं तुझको ?


स्वीकार किया जो तुमने संघर्षों का जीवन

कर प्राणांत तक प्रेम मृत्यु से

जीवन को ठुकराया ,

चढ़ अमरता की वेदी पर

अमर शहीद कहलाया

अलवीदा कह जीवन को,

मृत्यू को स्वीकारा।


ऐ अमरता के प्रेमी, बता

किन - किन भावों से लिखूँ मैं गुणगान तेरा।


तेरे रूह से पूछू, या पूछूँ हवा के झोंको से

या पूछूँ उस मॉ से,

गोद हुआ जिसका लाल तेरे लहू से

या पूछूँ बादलों से,या पूछूँ उस चॉद से,

जिसने देखा था तूझको अंतिम सांस तक लड़ते

कितना कष्ट झेला था तुमने

इस शहादत के पथ पर!


अब बता ओ अमर-शहीद

नमन करूँ मैं तुझको किन श्रद्वा के भावों से

पुजूँ तुझको, किन श्रद्धा के फूलों से

ओ मातृभूमी पे कुरबान अमर-शहीद

तूझको यह भेंट है मेरा


इन शब्दों की माला से

है यह श्रद्वा सुमन मेरा,

है शहीद को नमन मेरा।


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