वीर सैनिक
वीर सैनिक
सिंहवाहिनी मां भारती, युद्ध में हुँकार रही।
महासमर के लिए, वह हमें पुकार रही।।
सरहद के वीर डटे, पाक-चीन की सीमा पर।
घुसकर मारने वाले वीर, आंतकियों का कीमा कर।
पीरू सिंह का रंग दिखा, पाकयुद्ध में बांका था।
लड़े अंतिम श्वास तक, कुल का केशरिया शाका था।।
परमवीर लड़े राजस्थानी, शैतान सिंह की गाथा हैं।
उनकी ऊँचाई के समक्ष, बौना सागरमाथा हैं।।
देश हेतु निज प्राण अर्पण , सोचते न तनिक हैं।
राष्ट्र-सेवा के प्रणवीर, सरहद के जुझारू सैनिक हैं।
राष्ट्रपूत वीर सैनिक के, नारे चहुँ झंकार रही।
सिंहवाहिनी मां भारती, युद्ध में हुँकार रही।।