माँ हूँ, शिक्षक हूँ, नारी हूँ, हिंदी की सेवा करना चाहती हूँ, कुछ ऐसा लिखना चाहती हूँ।
रात घिरते ही बहू बिरजू काका के कमरे की तरफ गई। काका सो गए क्या? रात घिरते ही बहू बिरजू काका के कमरे की तरफ गई। काका सो गए क्या?
दुल्हन बनने के बीस दिन बाद रूप निखर आया था उसका। दुल्हन बनने के बीस दिन बाद रूप निखर आया था उसका।
मैं तो ये टोकरी चोरी करने आया था, मैं तो ये टोकरी चोरी करने आया था,
मैं आपको खुश देखना चाहता हूँ, करना चाहता हूँ, आपके साथ रहना चाहता हूँ। मैं आपको खुश देखना चाहता हूँ, करना चाहता हूँ, आपके साथ रहना चाहता हूँ।
नहीं विवेक तुम मुझे गलत समझ रहे हो। नहीं विवेक तुम मुझे गलत समझ रहे हो।
ईशु इस बार कोई पोजीशन नहीं लाया ईशु इस बार कोई पोजीशन नहीं लाया
अपनी लाडो की खुशी देखकर माँ ने भी हाँ में हाँ मिला दी। अपनी लाडो की खुशी देखकर माँ ने भी हाँ में हाँ मिला दी।
"आज मुझे अपने ईश्वर के साथ होने का विश्वास हो गया। "आज मुझे अपने ईश्वर के साथ होने का विश्वास हो गया।
इसमें लिख दिया है, माँ मैं ठीक हूँ। उन्हें तसल्ली हो जायेगी। इसमें लिख दिया है, माँ मैं ठीक हूँ। उन्हें तसल्ली हो जायेगी।
मैं बूढ़ा सा पेड़ इस घर के सामने मुझे निहाल के दादाजी ने लगाया था। मैं बूढ़ा सा पेड़ इस घर के सामने मुझे निहाल के दादाजी ने लगाया था।