सौतेली माँ का अधिकार
सौतेली माँ का अधिकार
विवेक तमतमाता हुआ झटके से कमरे में घुसते ही रोशनी पर बरस पड़ा।
ये सब क्या है रोशनी? तुमने राहुल को आज फिर थप्पड़ मारा। क्यूँ बार बार साबित करना चाहती हो तुमसे शादी करके मैंने गलती कर दी। तुमने साबित कर दिया, सौतेली माँ आखिर सौतेली ही होती है।
रोशनी डरती लड़खड़ाती ज़ुबान से सफाई देते हुये बोली - नहीं विवेक तुम मुझे गलत समझ रहे हो। मैंने राहुल को अपना बच्चा ही समझा है। तुमने सिर्फ माँ के कर्तव्य मुझे गिनाये, क्या बच्चों को सही राह दिखाने का अधिकार नहीं मुझे, राहुल ने मेरे सामने तुम्हारी जेब से पैसे निकाले, मना किया तो तुम्हें और मुझे गलत बताने लगा। तभी मेरा हाथ उठ गया। आज तुम मुझे राहुल पर मेरे अधिकार भी बता दो। आगे कोई शिकायत नहीं मिलेगी।
सारी बातों को समझने के बाद विवेक को अपनी गलती का एहसास हुआ। सॉरी रोशनी मुझे ये सब नहीं पता था। विवेक ने रोती हुई रोशनी के कन्धे पर हाथ रखकर कहा और दोनों बेहतर माँ बाप बनने की कोशिश के प्लान बनाने लगे।