ईमानदारी
ईमानदारी
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"आज मुझे अपने ईश्वर के साथ होने का विश्वास हो गया। तुम धन्य हो प्रभु! "
"क्या हुआ बहन?" रमा जी से उनकी साथिन ने पूछा।
"अरे जिन साहब के यहाँ मैं 15 साल से काम करती है, वो जानते हैं मालकिन के जाने के बाद मैंने बाबा और बेबी को कितने प्यार से पाला है, उनका ध्यान रखा है।आज जब उनकी बहन ने मुझ पर गहने चोरी करने का इल्ज़ाम लगाये, वो एकदम खड़े हो गए बोले दीदी मैं ये नही मान सकता मैं इनपर खुद से ज्यादा विश्वास करता हूँ। आप दोबारा चेक करो।बाद में सब उनके बैग में ही मिल गया। मैंने चैन की साँस ली।"
