Jyoti Sagar Sana

Children Stories Inspirational

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Jyoti Sagar Sana

Children Stories Inspirational

दोस्त

दोस्त

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रफीक और ईशु एक ही क्लास में पढ़ते, एक ही कॉलोनी में रहते, और एक साथ खेलते।दोनों पढ़ने में होशियार थे, दोनों की खूब बनती। एक बार ईशु बहुत बीमार पड़ा, एक महीना घर रहा। इस दौरान रफ़ीक रोज़ उसके घर जाता और उसका काम पूरा कर आता। एक दिन ईशु की क्लास में दूसरे बच्चों के साथ कहा सुनी हो गयी वो चाहता था रफ़ीक आकर उसकी तरफ से लड़े पर रफ़ीक बीच बचाव में लग गया। इस बात पर ईशु उससे कटा कटा रहने लगा।वार्षिक परीक्षा भी आने वाली थी, सभी अपनी तैयारियों में लग गए। ईशु का लिखने का काम तो पूरा था पर कुछ कॉन्सेप्ट समझने में दिक्कत आ रही थी।पर उसके पक्के दोस्त से तो उसकी बातचीत बंद थी सो वह नये साथी के पास चला गया, सूरज ईशु के फर्स्ट आने से पहले से चिढ़ता था इसलिये उसने उसे सही सही कुछ नही बताया। कुछ समय बाद कक्षा 5 की परीक्षाएं पूरी हुई। ईशु इस बार कोई पोजीशन नहीं लाया। मन दुखी तो था पर देखा रफ़ीक फर्स्ट, सूरज दूसरे स्थान पर आया है। मन में यही सब चल रहा था कि रफ़ीक आकर बोला मुझे माफ़ कर दो ईशु उसे स्तब्ध से देख रहा था, मैं जानता था सूरज कभी किसी की मदद नहीं करता पर उस दिन मैं तुम्हें रोका नहीं। 

इतना सुनते ही ईशू की भी आंखें भर आईं तुम भी मुझे माफ़ कर दो तुम मेरे बीमार होने पर रोज घर आकर मेरा हालचाल लेते रहे, काम किया और मैं तुमसे नाराज़ हो गया। इतना कहते ही दोनों की आँखों से आँसू निकले और सारे गिले शिकवे उनमें बह गये। दोनों ने एक दूसरे को गले लगाया और कहा दोस्ती में नो सॉरी नो थैंक यू।


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