माँ हूँ, शिक्षक हूँ, नारी हूँ, हिंदी की सेवा करना चाहती हूँ, कुछ ऐसा लिखना चाहती हूँ।
अगर हाँ तो आपकी लेखनी का स्वागत है, यदि नहीं तो आपको सोचने की जरुरत है। अगर हाँ तो आपकी लेखनी का स्वागत है, यदि नहीं तो आपको सोचने की जरुरत है।
मुझे हिन्दी बुलायेगी तो चलकर आऊँगी मैं, मुझे हिन्दी बुलायेगी तो चलकर आऊँगी मैं,
कर्मों से ही तय होगी इसमें, सुख और दुख की मात्रा। कर्मों से ही तय होगी इसमें, सुख और दुख की मात्रा।
कितना मुश्किल होता है, भरना शब्दों की गागर। कितना मुश्किल होता है, भरना शब्दों की गागर।
प्रेम तुम्हारा पहली बारिश जैसा आया, तन मन अन्तस सब इसने महकाया। प्रेम तुम्हारा पहली बारिश जैसा आया, तन मन अन्तस सब इसने महकाया।
अपना पराया नहीं जानता, जाति, धर्म को नहीं छानता, अपना पराया नहीं जानता, जाति, धर्म को नहीं छानता,
पूरे एक साल का अंतराल, कैसा होगा दिल का हाल। पूरे एक साल का अंतराल, कैसा होगा दिल का हाल।
जीवन एक खूबसूरत यात्रा है,जिसमें भाग्य हमें चमत्कार दिखाता है। जीवन एक खूबसूरत यात्रा है,जिसमें भाग्य हमें चमत्कार दिखाता है।
हर रिश्ते की है ये बुनियाद, ना होने दो तुम इसे बर्बाद, हर रिश्ते की है ये बुनियाद, ना होने दो तुम इसे बर्बाद,
पतझर में बसन्त मतलब तुम, नीरसता का अन्त मतलब तुम। पतझर में बसन्त मतलब तुम, नीरसता का अन्त मतलब तुम।