विश्वास
विश्वास
बहुत कीमती एहसास होता है,
ये जो आपसी विश्वास होता है,
हर किसी पर कहाँ हो पाता है,
जिस पर हो, वो खास होता है।
विश्वास एक पौधे जैसे बढ़ता है,
नेह की बेल पर ही चढ़ता है,
बूँद बूँद सुख दुख बाँटने से ही,
मन पूरा वृंदावन गढ़ता है।
हर रिश्ते की है ये बुनियाद,
ना होने दो तुम इसे बर्बाद,
बात मामूली हो तो जाने दो,
बचा लो करके इसे फरियाद।
सिर्फ तालमेल और मोहब्बत से,
विश्वास को रोपा जा सकता है,
जिसे खुद पर हो विश्वास वो नहीं,
किसी से धोखा खा सकता है।
