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Jyoti Sagar Sana

Classics Inspirational

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Jyoti Sagar Sana

Classics Inspirational

पीड़ा का सागर

पीड़ा का सागर

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कितना मुश्किल होता है,

भरना शब्दों की गागर।

जब लगे छलकने पल पल,

मन की पीड़ा का सागर।


अभाव से ले लेते जन्म,

रुदन, क्रंदन के भाव।

अधरों पर झूठी मुस्कान,

अंदर अंदर रिसते घाव।


सारे ही अपने रूठ गये,

चमकीले सपने टूट गये,

कुछ अनजानों की खातिर,

अपनो से रिश्ते टूट गये।


जीवन तो चलता ही जाये,

जैसे हो कोई अनन्त यात्रा।

कर्मों से ही तय होगी इसमें,

सुख और दुख की मात्रा।


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