जुनून
जुनून
एक अलग सा जुनून हैं, न किसी को सुकून हैं।
भागती समय धारा में, बस ठहराव का जुनून हैं।
इस कदर भागती है राह, जैसे वक्त से जीतेगी।
न सोते, न जागते, कहाँ कब किसे कही सुकून हैं।।
खोए सब मदहोशी में, कही नाम, कही काम बंधन में,
खोते जहाँ में खोजने खुशिया, स्रोत्र जिसका खुद तू है।।
कही मिले नाम के झोंके, कही कुछ पाने की होड़ हैं।
भूल गए सब खुद को, ऐसा ही नाम , यश का जोड़ हैं।।
धन कमाने का जुनून, जरूरतों से आज कुछ ज्यादा है।
खुद से जो बनी दूरी, हर खुशी का सुख ही बस आधा हैं।।