राखी पर आना
राखी पर आना
भैया अब की तुम ज़रूर आना,
राखी के संग खुशियां लाना,
कितने वर्ष है बीते भैया,
सुनी रह गई तुम्हारी कलाई,
मनचाहा उपहार भी लूंगी,
शोर शराबा भरपूर करूंगी,
जुग जुग जिए मेरा भाई,
कभी न सुनी रहे तुम्हारी कलाई,
पर जब से तुम गए भारत माता कि रक्षा करने को,
तब राह में देखूं भैया तुम्हारी,
मां भी करती रहती तुम्हारी बातें राह तकते नहीं थकती आंखें,
एक मां की रक्षा को दूसरी राह निहारे,
अब आओ तो थोड़ा जल्दी आना,
धरती मां के हित में दुश्मनों को हराते जाना,
कोई गैर न छू पाए इस माटी को इस का ध्यान लगाए रखना।