हर नारी है महाशक्ति का रुप
हर नारी है महाशक्ति का रुप
महाशक्ति की महिमा अपरम्पार,
जिसके चरणों में समाया संसार।
उसे महाशक्ति को हम करते हैं प्रणाम, जिसकी महिमा अपरंपार
वो शक्ति है अदृश्य, अविनाशी,
जो चलती रहती हर दिशा निर्भीक आशी।
कभी माँ दुर्गा के रूप में ज्ञात,
तो कभी लक्ष्मी का वरदान बताते।
उसकी उर्जा से जग उजियारा,
जीवन का हर पल इससे सँवारा।
वह महाशक्ति, जीवन की धारा,
सभी बाधाओं को करे पार।
जो देती हमें बल और ताकत,
अंधेरों में भी बन जाये रक्षक।
नारी शक्ति का यह रूप निराला,
हर नारी है शक्ति काव्य रूप।
है मेरा हर नारी से यह कहना अपने आप को पहचान जरा,
तो महाशक्ति तू खुद ही है,
अपने पर थोड़ा भरोसा कर तो छिपी शक्ति निकल कर सामने आएगी,
और तू अपनी शक्ति को पहचान जाएगी
हर औरत मां दुर्गा, मां अंबा का रूप होती है।
शक्ति को पहचान आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ो ,
तो हर जन की आस्था तुझ में बढ़ जाएगी।
जगत जननी महाशक्ति को नमन हमारा,
जीवन में उसका आशीर्वाद पायेगी।
चाहे विज्ञान हो या अध्यात्म का सार,
महाशक्ति है प्रेरणा का अद्भुत आधार।
जिसके सान्निध्य से भय भी हारा,
जगत के कण कण में वो समाया सारा।
तो आइये उस महाशक्ति का गुणगान करें,
और जीवन में उसके आशीर्वाद को सर्वस्व मानें।