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DR MANORAMA SINGH

Abstract Action

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DR MANORAMA SINGH

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सर्दी का मौसम

सर्दी का मौसम

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सर्दी के मौसम में सूरज

 चांद सी शीतलता देय,

छाये अंधियारो देखकर

ऐसो आभास जो होय,

सुबह ही लम्बी लगे

दोपहर अब गुम होय,

सूरज जब अस्ताचल को जाय,

ठंड पड़े जोर की

हाड़ कंपाती जाय,

तीखी शीतलहर से

अस्थिभेदन हो जाय,

जो तन पर शीतल जल लगे

सांस वहीं रुक जाय,

ठिठुरन बढ़े रात में

कोहरा बढ़ो जो छाय,

ओढ़ धुंध की चादर से

दृश्यता भी कम हो जाय,

हवा लगे तलवार सी

अंग अंग कट जाये,

 कड़ाके की इस ठंड से 

रजाई में ही जान बच पाये।।



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