STORYMIRROR

DR MANORAMA SINGH

Abstract Classics Inspirational

4  

DR MANORAMA SINGH

Abstract Classics Inspirational

चाबी

चाबी

1 min
11

किस्मत का ताला खोले,

ऐसी चाबी तुम दिला दो,

कट जायें दुख भरे दिन,

ऐसी युक्ति तुम बता दो,


जीवन हो जाये सार्थक,

ऐसा मंत्र तुम बता दो,

सपनें हों हमारे पूरे,

बेफ्रिक मुझे बना दो,

जीवन की कड़कती धूप में,


बारिश तुम करा दो,

जग के जहरीले बोलों में,

अमृत तुम चखा दो,

कॉटों भरी राह में,

कोई फूल तो खिला दो,


बन जाये जीवन मेरा,

मिसाल, तुम बता दो,

हे! मानव मेहनत ही,

 है वह चाबी, 

जरा मन से तुम घुमा दो,


किस्मत का ताला खोले,

जरा सही दिशा में 

तुम घुमा दो।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract