जन की बात
जन की बात
जन की बात
मन की बात खुब हुयी अब असली बात करे
जो कभी ना होती वो अब जरुरी बात करे
जानते समझते सब है फिर भी अनदेखा करते उस
अच्छी सस्ती शिक्षा, इलाज, राशन की बात करे
अब तो वचन पूर्ति हो कुछ तो शरम करे
नफेखोरी, भ्रष्टाचार, कालाबाजारी की बात करे
उद्योग उद्योगपति व्यापार व्यापारी ये ठीक है
पर कभी तो ग्राम उद्योग किसान मजदूर विकास की बात करे
बड़े बड़े ईव्हेंट सेलिब्रिटीज और सेलिब्रेशन छोड़ो
अब तो सामान्य मेहनती ईमानदार लड़ते मध्यवर्ग की बात करे
हिंदू मुस्लिम धर्म मजहब हिंदुस्तान पाकिस्तान खुब लड़ाया
बस अब इनसान, खेत, पेड़ जंगल पानी प्रदूषण इनसानियत की बात करे
विकास के नाम पे कुर्सी की मनमानी बहुत हुयी
आम भारतीय चिंता मुक्त हो ऐसे विकास की बात करे
मन की बात तो बहुत हुयी अब असली बात करे
मैं मरा मुझसे मेरी ख़ुशी छोड़ो अब जन की बात करे
