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Mangesh Medhi

Abstract

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Mangesh Medhi

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युद्ध

युद्ध

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जीतना है, जीतना है, जीतना है, जीतना है।।

जीतना आदत है, हारना नहीं


अंधेरासा, अमंगलसा, ग्रहण छाया जैसा

जीतना है, जीतना है, जीतना है, जीतना है।।


अंधेरासा, अमंगलसा, है तो क्या हुआ

थम सा गया जगत सारा, अंत ना आया


मानवता के अस्तित्व का, युद्ध छिड़ा रे

जीतना है, जीतना है, जीतना है, जीतना है।।


निश्चयसे धीरजसे, अड़े रहना

चंद रोज ज़िद छोड़, घर रहना

बचना है, जीना है , जीतना है


मानवता के अस्तित्व का, युद्ध छिड़ा रे

जीतना है, जीतना है, जीतना है, जीतना है।।



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