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Mangesh Medhi

Abstract

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Mangesh Medhi

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खुबसुरती - सुंदरता

खुबसुरती - सुंदरता

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किसको कौन खूबसूरत लगे कह नही सकते

कौन कितना खूबसूरत हो कह नही सकते


खुबसुरती दिखती नही महसूस होती है

किसको हुयी किसको नही कह नही सकते


जो दिखता है वो खूबसूरत हो जरूरी नही

कौन क्या देख रहा है कह नहीं सकते


आपको जो पसंद आया देखके कोई

उम्मीद पुरी होगी हि ये कह नही सकते


जिसको ठिक से देखा तक नही शायद

वो ही सुकून दिला दे कह नहीं सकते


होना न होना मायने न था पहले

कब वो जरूरत बन जाये कह नहीं सकते


सज धज के रहे ना रहे फिर भी

वो ही जिंदगी सजा दे कह नहीं सकते।



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