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Vimla Jain

Action Others

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Vimla Jain

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बादलों भरा आकाश सुकून देता हैं

बादलों भरा आकाश सुकून देता हैं

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आज आकाश में बादल छाए, मन में एक उमंग जगी है कि बरसात आ जाएगी।

और इस तपन से छुटकारा दे जाएगी।

पशु ,पक्षी, पेड़ ,पौधे ,इंसान, धरती सभी इस समय घोर तपन से जूझ रहे।

 40 ,45 डिग्री टेंपरेचर पर सब ताप से तप रहे।

है घोर विडंबना सारी काम से छुट्टी ना कोई पाए।

इस में भी सबके सब अपना काम कर जाए।

ऐसे में जब जब आकाश में बदली देखें पानी भरे बादल देख मन कह उठता है।

और खुशी से नाच उठता है। साथ में यह गा उठता है।

संध्या की बेला में, नभ में फैले हैं,

काले-गोरे बादल, सपनों से भरे हैं।

कभी शेर-सा गरजते, कभी हंसते हैं ये,

बादलों का खेल, आसमान में पलते हैं।


नील गगन पर, उमड़-घुमड़ आते हैं,

सूरज की किरणों को, छुपा जाते हैं।

कभी झूमते नाचते, कभी स्थिर खड़े,

मुसाफिर हवा के संग, मस्त होकर बढ़े।


बरसात की बूँदें, इनकी सौगात हैं,

धरती की प्यास को, ये ही तो बुझाते हैं।

सपनों की चाहतें, इन में ही छुपी,

बादलों की बातें, किसने कब सुनी?


नीलम सा आकाश, जब घिरता है घोर,

मन की गहराई में, उठता है शोर।

बादलों का संगीत, सुनो तो सही,

दिल की हर धड़कन, झूमने लगे वही।


प्रकृति का ये खेल, अनोखा अनंत,

कभी दे खुशी, कभी करे संत।

बादलों का आना, जाना अनजान,

इनकी हर अदा, है दिल को मान।



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