न हो इसका अपमान रखेंगे सदा इसका ध्यान तन मन न हो विचलित दूर रहकर भी देंगे साथ। न हो इसका अपमान रखेंगे सदा इसका ध्यान तन मन न हो विचलित दूर रहकर भी देंगे साथ...
तरह तरह के खेल वह करतीं लगता खेल जैसे आँख मिचौली। तरह तरह के खेल वह करतीं लगता खेल जैसे आँख मिचौली।
सूरज की किरणों से, जाग उठा सारा संसार। सूरज की किरणों से, जाग उठा सारा संसार।
तालाब में थमी नौकाएँ मुझे तुम्हारी याद दिलाती है जिस तरह तुम थमे थे मेरी बाँहों में मुझे पल-पल ये... तालाब में थमी नौकाएँ मुझे तुम्हारी याद दिलाती है जिस तरह तुम थमे थे मेरी बाँहो...
समय अभी बचा ले तू इस जीवनधार को कर संचय मत खो अपने इस आधार को। समय अभी बचा ले तू इस जीवनधार को कर संचय मत खो अपने इस आधार को।
वक्त के अंधड़ ने, अजब कहर ढहाया है। वक्त के अंधड़ ने, अजब कहर ढहाया है।