नौकाएँ और तुम
नौकाएँ और तुम
तालाब में थमी नौकाएँ
मुझे तुम्हारी याद दिलाती है
जिस तरह तुम थमे थे मेरी बाँहों में
मुझे पल-पल ये बतलाती है।
उस जगमग हरियाली के पीछे
छिपी वो रागिनी
तुम्हारी आँखें बन जाती है
और मुझे साथ अपने
तुम्हारी दुनिया में ले जाती है।
एक ऐसी दुनिया जहाँ
ज़िन्दगी खूबसूरत लगने लगती है
जगमगाते नीर में तुम्हारी परछाई
खुदा की वो मूरत लगने लगती है।
साथ तुम्हारे ये नज़ारे
ज़िन्दगी भर देखती रहूँगी
तुम्हारे मुस्कुराते चेहरे को देख-देख
पल-पल तुम्हें मैं निहारती रहूँगी।।

