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Kaustubh Sawant

Drama

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Kaustubh Sawant

Drama

नोकरी

नोकरी

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नोकरी************************ वो चाहे कैसी भी हो  बडी हो या छोटी नोकरी तो बस नोकरी है दो वक्त की दाल रोटी ************************यहा दफन हो जाते है   सपने , हसरते , आशा नोकरी तो बस नोकरी हैकाम करने की भाषा ************************इसके साथ में जैसे बस बेहते जाना है   नोकरी तो बस नोकरी है इस सत्य को माना है ************************जेब भर जाती है ज़रूर पर चैन और सुकुन गयानोकरी तो बस नोकरी हैयहा किसे आती है दया**************************अपने भीतर का इंसान शायद ही खोज पाते हैनोकरी तो बस नोकरी है कभी कही बोज आते है **************************अपनो की जिम्मेदारी जैसे कई बरसो का नाता है नोकरी तो बस नोकरी है विचार पल पल आता है***********************उम्र बीत जाती है पर केहलाते नोकर ही है नोकरी तो बस नोकरी हैकभी मिलती ठोकर है ***********************कौस्तुभ 


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