तो पुराने ख़त पढ़ने बैठ जाती है। तो पुराने ख़त पढ़ने बैठ जाती है।
पहचान बनाई हूँ फिर भी में पराई हूँ। पहचान बनाई हूँ फिर भी में पराई हूँ।
पर प्यार से बंधी डोर भाई की कलाई पर वो है सबसे अनमोल पर प्यार से बंधी डोर भाई की कलाई पर वो है सबसे अनमोल
पीहर छोड़ रही है पिया घर जा रही है सुनहरी धूप के आभूषण पहने पीहर छोड़ रही है पिया घर जा रही है सुनहरी धूप के आभूषण पहने
रोटी हो गोल सब्जी हो तीख़ी भिंडी बने करारी कढ़ी में छोंक नपातुला सा जल न जाये ध्यान रखना था वरना ... रोटी हो गोल सब्जी हो तीख़ी भिंडी बने करारी कढ़ी में छोंक नपातुला सा जल न जाये ...
जिसके कारण कई बेटियाँ लौट कर पीहर न आ पाती हैं। जी हाँ ! समाज का एक अभिशाप वो दहेज़ ही जिसके कारण कई बेटियाँ लौट कर पीहर न आ पाती हैं। जी हाँ ! समाज का एक अभिशाप वो...