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Chandan Anju Mishra

Abstract

4.5  

Chandan Anju Mishra

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दहेज़

दहेज़

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एक बाप की मजबूरी में दिया गया वादा है

लड़के वालों के मन का बुरा इरादा है

लड़की को जिसके कारण समझा जाता अभिशाप है

जो शादी जैसे पवित्र बंधन के लिये पाप है।

जी हाँ! समाज का एक अभिशाप

वो दहेज़ ही है।


वर्षों से चली आ रही समाज की कुरीति है

टूट जाती कई रिश्तों की इसके कारण प्रीति है

न जाने कैसी चली आ रही ये परंपरा है

कलंकित हुई जिसके कारण भारत की ये धरा है।

जी हाँ! समाज का एक अभिशाप

वो दहेज़ ही है।


एक ऐसा नाम जो बोलने पर सभी लोग बुरा हैं कहते

पर वही लोग तोहफ़े के नाम पर सब लेने को तैयार रहते

न जाने कितनी बेटियाँ जिसकी आग में जल जाती हैं

 जिसके कारण कई बेटियाँ लौट कर पीहर न आ पाती हैं।

जी हाँ ! समाज का एक अभिशाप वो दहेज़ ही है।


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