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Abhijit Tripathi

Drama

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Abhijit Tripathi

Drama

ऐसा हो एक देश

ऐसा हो एक देश

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दर्द शोक और कलुष-कष्ट का जहां नहीं होगा एहसास

हर एक रुदन-वेदना में सब अपने हों अपनों के पास

ऐसा हो एक देश कहीं पर स्वर्ग से अनुपम स्वर्ग से खास।


जहां राष्ट्र के गौरव खातिर वीर बिछा दें अपनी लाश

गर अपमान से झुके तिरंगा रुक जाए बहुतों की साँस

ऐसा हो एक देश कहीं पर स्वर्ग से अनुपम स्वर्ग से खास।


जहां कन्हैया करें हमेशा मधुरिम-पावन प्रेम का रास

जहां राम कोई धनुष उठाए करे सदा अन्याय का नाश

ऐसा हो एक देश कहीं पर स्वर्ग से अनुपम स्वर्ग से खास।


गूंजे हर दिल - हर घर में चहुँदिश प्रेम का उत्कल हास

"अभिजित" भुजबल-पौरुष पर सबको हो अतुलित विश्वास

ऐसा हो एक देश कहीं पर स्वर्ग से अनुपम स्वर्ग से खास।


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