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VIPIN KUMAR TYAGI

Drama

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VIPIN KUMAR TYAGI

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गांधी जी के तीन बंदर

गांधी जी के तीन बंदर

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महात्मा गांधी ने समाज सुधार का बीड़ा था उठाया, गांधीजी के तीन बंदर के माध्यम से बुराइयों से बचने को था समझाया, समाज के अंदर व्याप्त बुराइयां, समाज के अंदर असंतोष को है बढ़ाती,

गांधीजी का पहला बंदर है कहता, बुराइयों को नहीं है देखना ,आंखो को बंद है रखना, बुराइयों को देखने से भी समाज में बुराइयों का प्रभाव है बढ़ता,

गांधीजी का दूसरा बंदर है कहता, बुराइयों को नहीं है सुनना कानों को है बंद रखना, बुराइयों को सुनने से भी समाज में बुराइयों को प्रभाव है बढ़ता,

गांधीजी का तीसरा बंदर है कहता, बुराइयों को नहीं है कहना मुंह को है बंद रखना, बुराइयों को कहने से भी समाज में बुराइयों का प्रभाव है बढ़ता,

गांधीजी के तीन बंदरों का है आशय, समाज में बुराइयों को ना बोलना, ना देखना, ना सुनना,

इस संदेश से ही हम समाज से बुराइयों को मिटा है सकते, अपना समाज बुराइयों रहित बना है सकते,

समाज को यदि हमें सुधारना होगा ,गांधी जी का संदेश जन-जन तक पहुंचाना होगा,

महात्मा गांधी ने समाज सुधार का बीड़ा था उठाया, गांधीजी के तीन बंदर के माध्यम से बुराइयों से बचने को था समझाया।


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