माँ के लिए
माँ के लिए
माँ के लिए .....
सब कुछ समर्पित
माँ सिर्फ देती
ना लेती कभी कुछ
आगे बढ़ना ....
सीखा उसी से
गिर के संभलना
हर मुश्किल से
माँ ही हँसाती
माँ ही रुलाती
इस कर्मभूमि पर
कर्मठ बनाती
माँ से ना प्यारा
जग में कोई दुलारा
माँ को समर्पित
ये जीवन सारा
माँ पूजनीय
दया की देवी
माँ के बिना
ना कोई दुनिया मेरी।
