प्राप्ति का मोल भला क्या ? जो सुकून की मौहलत नहीं । प्राप्ति का मोल भला क्या ? जो सुकून की मौहलत नहीं ।
ये जीवन कोई खेल नहीं ईश्वर की अनमोल भेंट नई आलस्य का जहाँ स्थान नहीं ये जीवन कोई खेल नहीं ईश्वर की अनमोल भेंट नई आलस्य का जहाँ स्थान नहीं
माँ पूजनीय दया की देवी माँ के बिना ना कोई दुनिया मेरी। माँ पूजनीय दया की देवी माँ के बिना ना कोई दुनिया मेरी।
छोड़कर घर का सुख, जो सीमा पे जाता है। दुश्मन की छातियों पे, तिरंगा गाड़ आता है। छोड़कर घर का सुख, जो सीमा पे जाता है। दुश्मन की छातियों पे, तिरंगा गाड़ आता है।
हम सब आत्मा मातृभूमि की, हम सब इसकी जान हैं । हम सब आत्मा मातृभूमि की, हम सब इसकी जान हैं ।
आलसी लोग जिसको रहते हैं खोजते, कर्मठ लोगों के हाथ हैं जादुई चिराग। आलसी लोग जिसको रहते हैं खोजते, कर्मठ लोगों के हाथ हैं जादुई चिराग।