माँ पूजनीय दया की देवी माँ के बिना ना कोई दुनिया मेरी। माँ पूजनीय दया की देवी माँ के बिना ना कोई दुनिया मेरी।
सब के सब तब प्रसन्नता से चले अपने अपने स्थान पर। सब के सब तब प्रसन्नता से चले अपने अपने स्थान पर।
तुम तो माँ हो, तुम तो देती हो जीवन फिर क्यों छीना उससे उसका जीवन ? तुम तो माँ हो, तुम तो देती हो जीवन फिर क्यों छीना उससे उसका जीवन ?
पौष मास का समापन शुभ माघ मास का होता आगमन। पौष मास का समापन शुभ माघ मास का होता आगमन।