मेरी लाडली
मेरी लाडली
तारीफ क्या करूं मैं तेरी,
तू आई थी मेरी जिंदगी में इस दिन,
तो तारीफ हुई थी मेरी
पूछने लगे सब कहां से लाई है परियों की रानी,
सबको बनादी उसकी दीवानी
गर्व से सीना ऊंची हुई थी,
तेरी मय्या कहने लगी थी
ना कोई नजर लगाना इसे,
यह मेरी गुड़िया खुशियों की पुड़िया
गुलाब की जैसे मुख है प्यारी ,
ताक के रह गई मय्या तेरी
ए खुदा तेरी शुक्रिया अदा करती हूं,
मेरे बाग में सुंदर फूल खिला दी,
और मेरी झोली खुशियों से भर दी
इतनी विनती करती हूं तुझसे
मेरी लाडली को रखना हमेशा खुश,
इतनी दुआ के साथ
एक मां करती है तेरे चरण स्पर्श।
