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Anil Jaswal

Drama

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Anil Jaswal

Drama

साधारण इंसान का वाहन।

साधारण इंसान का वाहन।

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सबसे सस्ती,

सबसे टिकाऊ,

हर वक्त काम आती,

झट से चलने के लिए तैयार हो जाती,

सबकी क्षमता में होती,

वो है मेरी साइकिल।


मैं खूब रखता इसका ध्यान,

हर रोज इसको करता साफ़,

हफ्ते में नहलाता एक बार,

हर रोज टायर में हवा डालता,

ब्रेक को‌ देता ग्रीस,


जब धूप में स्टैंड पे लगाता,

तो उपर से ढक लेता,

इसका मेरा नाता,

है जीवन भर का खाता,

न ये कभी नाराज होती,


बस मैहबूबा की तरह,

जब बोलो साथ हो लेती,

कितनी समझदार और हसीन है ये,

मेरी साइकिल,

महजवीन है ये।


इसके बिना मैं अधुरा,

ये है मेरी जान,

और मैं इसका चाहवान।


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