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Alaka Singh

Drama

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Alaka Singh

Drama

माँ,तेरी क्या परिभाषा लिखूँ मै

माँ,तेरी क्या परिभाषा लिखूँ मै

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माँ, तेरी क्या परिभाषा लिखूँ मै।

गर्भ मे नौ मास रख,

एक नई जिंदगी का सृजन किया है तूने।


नन्ही सी जान की एक किलकारी पर,

प्रसव की पीड़ा को भुलाया है तूने। 

भूख से बिलखने पर कई रातें,

बिन सोये गुजारी है तूने। 


एक मुस्कुराहट पर गोद मे ले,

सारी उमर की बलाये ली है तूने।

अपने मुख के निवाले से मेरी भूख मिटाई है तूने। 


अपनी जरूरतों के आगे

मेरे शौख पूरे किये है तूने। 

माँ,अब तेरे त्याग और बलिदान की

क्या परिभाषा लिखूँ मै। 


बस, दुनिया के सबसे पवित्र

निश्चल प्रेम की परिभाषा है तू माँ 


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