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Abhijit Tripathi

Romance

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Abhijit Tripathi

Romance

क्या

क्या

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जब सबकुछ तुम जान रहे हो, तो फिर तुम्हें बताऊँ क्या ?

तुम ही दिल का राज हो मेरे, तुमसे राज छिपाऊँ क्या ?

कई जगह पर पढ़ा है मैंने कि इश्क निगाहें करती है।

क्या कहती हो मैं भी तुमसे, अपनी नजर मिलाऊँ क्या ?

बहुत ज़मीनें देखी मैंने, पर जगह कोई भी भाई ना।

तेरे दिल में ही अब मैं, घर अपना बनवाऊँ क्या ?

मैंने सुना है मेरी खातिर, हर सोमवार को व्रत रहती हो।

मैं भी तुमको जाने-जाना मांग ख़ुदा से लाऊँ क्या ?




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