मिलना चाहे यश तुझसे मिले मगर जब साथ ! मिलना चाहे यश तुझसे मिले मगर जब साथ !
चुपके-चुपके पलते हैं इसमें कई एप गंदगी के समान। चुपके-चुपके पलते हैं इसमें कई एप गंदगी के समान।
मुझसे तेरी तारीफ तो हो नहीं पाती, पर तेरे तानो की याद आज भी सताती। मुझसे तेरी तारीफ तो हो नहीं पाती, पर तेरे तानो की याद आज भी सताती।
बलात्कार पीड़िता और उसके माँ-बाप का दर्द बयान करती एक कविता... बलात्कार पीड़िता और उसके माँ-बाप का दर्द बयान करती एक कविता...
ग़ज़ल साहित्य में काव्य की बेमिसाल विधा है. जो सदियों का सफर तय करने बाद, आज भी उसी चाव और शौक़-ओ-शग... ग़ज़ल साहित्य में काव्य की बेमिसाल विधा है. जो सदियों का सफर तय करने बाद, आज भी ...