मोबाइल बच्चों के लिए लालबत्ती
मोबाइल बच्चों के लिए लालबत्ती
शीशे के आर-पार की
आभासी दुनिया के हम किरदार,
ना देखे ना जाने हुए इंसानों के
अंदर खोजते है अपनापन !
छोटे से मशीन में छुपा तो है
पूरा ब्रह्मांड कितना खंगालते हैं,
कितना टटोलते है,
मिल भी जाते हैं मीठे रंग बिरंगी
हास्य में लिपटे अहसास !
कोई अपना बन जाता है
दो बातों के साथ,
तो कोई छोड़ भी जाते है
तूने मेरी पोस्ट पर लाइक क्लिक
नहीं किया की छोटी सी बात पर !
फिर भी बोझिल पलों में
सुकून के लम्हें चुनने
झाँकते हैं हम शीशे के पार,
काश कुछ ऐसा मिल जाएँ जो
ज़िंदगी की आपाधापी में
खुशहाली के रंग भर दे !
कुछ भी कहो ये नशा है
ज़हर से भी ज़हरीला,
ना चखे बनता है ना छोड़े,
एक बार हाथ में थाम लो
जल्दी कहाँ छूटता है !
थोड़ा ओर देख लूँ कि
ललक बढ़ती जाती है
और बीत जाते है कई घंटे !
पड़े रहते है बहुत से काम जो होते हैं
मोबाइल की माया से बहुत खास !
पर सौ बात की एक बात
हरे बिंदू की आड़ में होते कई
अनचाहे से काम और कांड,
बच्चों को तो दूर ही रखिए
मोबाइल है लालबत्ती के समान
चुपके-चुपके पलते हैं
इसमें कई एप गंदगी के समान।
