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Rajkumar Jain rajan

Tragedy

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Rajkumar Jain rajan

Tragedy

अबॉर्शन

अबॉर्शन

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अबॉर्शन

मतलब अजन्मे की हत्या

मनुज़ कितना

स्वार्थी हो गया 

अपने ही खून के

हिस्से को पनपने से

पहले ही खत्म कर देता है


बहुत कुछ बदल गया

अपने आप में

वो टूटकर बिखर गया

अपनी क्रूरता के आगे

जो जीवन उसका

सम्बल बनने वाला था


उसे ही वह

तड़पा - तड़पा कर

कोख में ही

खत्म कर देता है

कितनी यातनाओं से

गुजरना पड़ता है


उस अजन्मे शिशु को

अबॉर्शन की प्रक्रिया में

है पापी मनुष्य

अपने स्वार्थ में


भविष्य के खर्चे

दहेज के डर और

सुरक्षा न दे पाने के भय में

क्यों करते हो कन्या भ्रूण

की हत्या


जो तुम्हारे ही

खून का अंश है

उसको जन्म लेने दो

अन्यथा इसके शाप से

तुम्हारा अपना ही अस्तित्व

मिट जाएगा एक दिन !


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