शूल नहीं पथ में मानव के, भूलें सदा चुभा करतीं हैं। शूल नहीं पथ में मानव के, भूलें सदा चुभा करतीं हैं।
भविष्य के स्वप्न भूतकाल की पीड़ा को धूमिल ज़रूर कर सकते हैं, मिटा नहीं सकते... भविष्य के स्वप्न भूतकाल की पीड़ा को धूमिल ज़रूर कर सकते हैं, मिटा नहीं सकते...
तुम आ जाओ प्रिय जीवन मधुमास हो। तुम आ जाओ प्रिय जीवन मधुमास हो।
ना मैं तेरी राधा, ना मैं तेरी रूकमण, मैं तो तेरी मीरा बावरिया। ना मैं तेरी राधा, ना मैं तेरी रूकमण, मैं तो तेरी मीरा बावरिया।
में किन्तु पथ में फूल भी मिलते कही पर शूल भी है। में किन्तु पथ में फूल भी मिलते कही पर शूल भी है।
वेदना का शूल गड़ता है, ये मेरा दुःख एक आवा है घड़ा मुझ में रोज गढ़ता है वेदना का शूल गड़ता है, ये मेरा दुःख एक आवा है घड़ा मुझ में रोज गढ़ता है