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GUDDU MUNERI "Sikandrabadi"

Abstract

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GUDDU MUNERI "Sikandrabadi"

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नीर से भरपूर

नीर से भरपूर

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तुम नीर से भरपुर 

तुम नीर की रानी हो 

तुम हो जीवन का हर रूप

तुम हर प्यास का पानी हो।


नीर नीर प्यास पुकारे 

नदिया तेरा नाम है आवे।

तुम से मिला जीवन 

तुम अंग-अंग की दानी हो 

तुम बिना ना जीवन कोई 

तुम हर माँ की कहानी हो।


नीर नीर प्यास पुकारे 

नदिया तेरा नाम है आवे।

तुम दो देशो की एक धारा 

तुम एक धारा की रवानी हो 

तुम पर निर्भर है हरयाली 

तुम अन्न की जीवन दाता हो।


नीर नीर प्यास पुकारे 

नदिया तेरा नाम है आवे।

तुम कोई और नहीं 

हर जहाँ की नीर-रानी हो 

तुम बिना ना राजा कोई 

तुम सब की खुशहाली हो 


नीर नीर प्यास पुकारे 

नदिया तेरा नाम है आवे।


तुम नीर से भरपुर 

तुम नीर की रानी हो 

तुम हो जीवन का हर रूप

तुम हर प्यास का पानी हो।


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