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GUDDU MUNERI "Sikandrabadi"

Fantasy

4  

GUDDU MUNERI "Sikandrabadi"

Fantasy

गजक

गजक

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दिल से दिल लगाकर 

प्यारी गजक बनाई 


ये गुड़ की डलिया तोड़ तोड़ कर 

मुझे यू गर्म कढ़ाई में घोलकर 

ये मेवे, ये सूखे काजू-तिल,

बादाम मेरे संग तोलकर 

चाशनी बनाई 


प्यारी मेवा गजक बनाई 

दिल से दिल लगाकर 

प्यारी गजक बनाई


घोल घोल घोलकर 

ये चाशनी फिर से बनाई 

रेशा रेशा करके जांच कराई 

जब हो गई, जब हो गई तैयार 

चाशनी में तिल सिल डालकर 


प्यारी तिल की गजक बनाई 

दिल से दिल लगाकर 

प्यारी गजक बनाई


छांट-छांट फटक-फटक

ये हल्का फुल्का चावल 

से भट्ठी पर मुरमुरा बनाया 

गुड़ की चाशनी में इसको मिलाकर


प्यारी मुरमुरा की गजक बनाई 

दिल से दिल लगाकर 

प्यारी गजक बनाई


धीरे धीरे सारी मूंगफलियों की

हो गई भूनाई 

छील-छाल कर इसकी मींगे

बनाई 

गुड़ की चाशनी में ,

चाशनी में जब इनको डुबोया


प्यारी प्यारी मुंगफली की गजक 

बनाई 

दिल से दिल लगाकर 

प्यारी गजक बनाई


   


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