बांसुरी की धुन में बन तेरा जीवन संगीत थिरकने लगी हूँ। बांसुरी की धुन में बन तेरा जीवन संगीत थिरकने लगी हूँ।
वह मिठास घोलती चाशनी वह राग राग की रागिनि।। वह मिठास घोलती चाशनी वह राग राग की रागिनि।।
जीवन की बरसात में तुम आयी हो बनके धूप। जीवन की बरसात में तुम आयी हो बनके धूप।
जिसे है इल्म ताजी हवा की उसको सही वो जानता है ! जिसे है इल्म ताजी हवा की उसको सही वो जानता है !
मानो चाशनी में भी घोल दी हो किसी ने मिठास। मानो चाशनी में भी घोल दी हो किसी ने मिठास।
कुछ ग़ुम सी लगती है आज कविताओं में मिठास! कुछ ग़ुम सी लगती है आज कविताओं में मिठास!