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Dr.rajmati Surana

Romance

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Dr.rajmati Surana

Romance

तेरे इश्क की चाह में

तेरे इश्क की चाह में

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तेरे इश्क की चाह में बन में चाशनी तुम में डूबने लगी हूँ,

कहते हैं दुनिया वाले मैं शहद सी मीठी लगने लगी हूँ।


मुट्ठी भर आकाश को छूने की कोशिश में अहसासों से,

खुद को भूलकर मैं शायद मन को सहेजने लगी हूँ।


आंखें सजाती है तेरे ही सपने और अरमान भी फलते हैं,

तुम को पाने की चाह में मै खट्टी मीठी बनने लगी हूँ।


तुम्हारे चेहरे की कशिश और वो तीखी तीखी नजरें,

निगाहों का बन काजल मैं उसमें संग तेरे महकने लगी हूँ।


इश्क का अंजाम खारा हो या कड़वा हो कोई बात नहीं,

बांसुरी की धुन में बन तेरा जीवन संगीत थिरकने लगी हूँ।


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