बचपन
बचपन
नन्ही नन्ही होठो से कोई मुस्कुराया,
जब उसे क़रीब से देखा तो
मुझे अपना बचपन याद आया।
ऐ हवा लेे चल मुझे वहां किसी बहाने से,
जहां खुश है कोई मेरे घर मे आने से।
जगमगा उठी है मेरे घर की दीवार,
लगता है मानो आज ही है दीपावाली का त्योहार।
नाना- नानी, दादा- दादी पूरा परिवार है एक साथ,
मानो चाशनी में भी घोल दी हो किसी ने मिठास।।
