Chandra prabha Kumar
Fantasy
निर्मल मेरा मन है
जीवन में मेरे आ जाओ,
सपनों में मेरे सज जाओ,
सौन्दर्य तुम्हें क्या भय है,
गंगाजल सा निर्मल मेरा मन है।
हाइकु
सूरज
चेतना विस्तार
श्रीप्रभु के ...
आ बरसो मेघा
आज रक्षाबन्धन
जन जन का प्या...
अमृत महोत्सव
प्रिय मेरा
ऑंवले का वृक्...
आँखें, जब किसी की पानी से भरी हुई परातें बन जाएं... आँखें, जब किसी की पानी से भरी हुई परातें बन जाएं...
भोग के लिए होती नहीं है सत्ता सेवा के लिए। भोग के लिए होती नहीं है सत्ता सेवा के लिए।
रूह से रूह ने मिलके सीखा देह का हर एक दाग़ छुपाना...! रूह से रूह ने मिलके सीखा देह का हर एक दाग़ छुपाना...!
ला साकी थोड़ी तो और शराब ला सागर को छलकने दे जी भर के तू अभी अंजुम की रोशनी में भी खि ला साकी थोड़ी तो और शराब ला सागर को छलकने दे जी भर के तू अभी अंजुम की रोशन...
राग छेड़ा मुख पर पिया, मैं प्रेम रथ का ताज बनूँ । राग छेड़ा मुख पर पिया, मैं प्रेम रथ का ताज बनूँ ।
‘गुडिया’ सी नुमाइश करती है फिर वह ‘टीवी’ ‘फ्रिज’ स्कूटर’ हो जाती है . ‘गुडिया’ सी नुमाइश करती है फिर वह ‘टीवी’ ‘फ्रिज’ स्कूटर’ हो जाती है .
मेरे प्यार करने का मेरे लिखने का लहज़ा हो तुम मेरे प्यार करने का मेरे लिखने का लहज़ा हो तुम
रह लेता हूँ मैं भी अकेला, जैसे रहती हो तुम भी खोई, ये बेपरवाही या और ही कुछ है, तुम तो अब नादाँ नहीं... रह लेता हूँ मैं भी अकेला, जैसे रहती हो तुम भी खोई, ये बेपरवाही या और ही कुछ है, ...
मेरे सपने...। मेरे सपने...।
याद है मुझे वो आपकी हर एक पसंद जो कभी बताया था नहीं मुझे याद है मुझे वो आपकी हर एक पसंद जो कभी बताया था नहीं मुझे
ये कविता महज़ एक आत्मा की उत्पत्ति है ये कविता महज़ एक आत्मा की उत्पत्ति है
मशहूर है सनम तेरा सितम, बस्ती-ए-चाहत में, पर तेरा ये सितम, कि सितम भी, मुझपर कहाँ हुआ...! मशहूर है सनम तेरा सितम, बस्ती-ए-चाहत में, पर तेरा ये सितम, कि सितम भी, मुझपर कहा...
मुझे दगाबाज समझ कभी मुंह फेर मत लेना क्या तुम कर सकते हो मुझसे प्यार उतना? मुझे दगाबाज समझ कभी मुंह फेर मत लेना क्या तुम कर सकते हो मुझसे प्यार...
महानगर में हाउसवाइफ महानगर में हाउसवाइफ
दिन भर नियति से लड़, जब मैं थक जाता हूँ तब इन्हीं रंगों को देख, थोड़ा सुख चैन पाता हूँ। दिन भर नियति से लड़, जब मैं थक जाता हूँ तब इन्हीं रंगों को देख, थोड़ा सुख चैन प...
कोई जगह कोई दहर हो जहाँ वक़्त न पंहुचा हो अभी भी बेवक़्त पहुँचेंगे वहाँ और बैठे रहेंगे सोचा क... कोई जगह कोई दहर हो जहाँ वक़्त न पंहुचा हो अभी भी बेवक़्त पहुँचेंगे वहाँ और ...
भीड़...। भीड़...।
Cgf Cgf
मेरी मम्मी और सभी की मम्मी किसी ने निकाली नहीं आज तक एक आवाज़ कि काम ज्यादा या मैं थक गई पूरी ज़िदग... मेरी मम्मी और सभी की मम्मी किसी ने निकाली नहीं आज तक एक आवाज़ कि काम ज्यादा या ...
राष्ट्रपति मुर्मू जी इस संसार में महान किरदार है। राष्ट्रपति मुर्मू जी इस संसार में महान किरदार है।