Neha Yadav
Classics
चाहे जितना परख लें लोग यहाँ,
अंत यही होगा;
माँ से बड़ा कोई हमदर्द नहीं होता,
माँ के आँचल से बड़ा कोई घर नहीं होता।।
यादों की बारि...
देशहित में
घर छोड़ जाने क...
मकाम हैं हम
मैं तुम का भे...
सच्चाई
वो पहली मुलाक...
विश्वास
संवेदनशील नार...
तुम्हारी शरण में सभी को किनारा तुम्हारे सिवा कौन जग में हमारा तुम्हारी शरण में सभी को किनारा तुम्हारे सिवा कौन जग में हमारा
कान्हा नहीं थे मात्र मेरे अश्व-रथ के सारथी। डोर मेरी जिंदगी की भी उन्हीं के हाथ थी। कान्हा नहीं थे मात्र मेरे अश्व-रथ के सारथी। डोर मेरी जिंदगी की भी उन्हीं के ह...
फिर एक दिन वहाँ, हिरण्यकश्यप की बहन आती होलिका फिर एक दिन वहाँ, हिरण्यकश्यप की बहन आती होलिका
अपने तन का मोल चुकाकर, मानव का मन कवि बनता है। अपने तन का मोल चुकाकर, मानव का मन कवि बनता है।
आंख में कजरा, बाल में गजरा बिंदिया जो लगाई रे. आंख में कजरा, बाल में गजरा बिंदिया जो लगाई रे.
मेरा देश, बहुत विशाल, एक तरफ हिमालय। मेरा देश, बहुत विशाल, एक तरफ हिमालय।
मोहब्बत में अगर स्वार्थ होता तो शिव और गोरा का नाम ना होता! मोहब्बत में अगर स्वार्थ होता तो शिव और गोरा का नाम ना होता!
भूल से भी न दिल दुखाना इनका अगर तुम्हारे घर में माँ बाप हैं। भूल से भी न दिल दुखाना इनका अगर तुम्हारे घर में माँ बाप हैं।
ले नाम श्री राम का, चले हनुमन्त करने खोज सीता मैया की। ले नाम श्री राम का, चले हनुमन्त करने खोज सीता मैया की।
अज्ञान दुःख का कारक है और ज्ञान सुख का द्वार। सब ज्ञान और विद्याओं से बढ़कर है ये ब्रह अज्ञान दुःख का कारक है और ज्ञान सुख का द्वार। सब ज्ञान और विद्याओं से बढ़कर ह...
चलो सुनाऊं मैं एक कथा तुम्हें मोरमुकुट पीताम्बर धारी के बांसुरी की। चलो सुनाऊं मैं एक कथा तुम्हें मोरमुकुट पीताम्बर धारी के बांसुरी की।
अद्वितीय अति सुंदर थी वो रात्रि भक्तों के लिए बन गई ‘महाशिवरात्रि’। अद्वितीय अति सुंदर थी वो रात्रि भक्तों के लिए बन गई ‘महाशिवरात्रि’।
जाने कितनी ही कुंठाओं का द्वापर से अब तक चुभता कांटा। जाने कितनी ही कुंठाओं का द्वापर से अब तक चुभता कांटा।
दख्खन से दहाड़ा जो , शेर-ए-हिंद शिवाजी राजा था !! दख्खन से दहाड़ा जो , शेर-ए-हिंद शिवाजी राजा था !!
यशोदा की गोद में खेल रहे कन्हैया यह सुख को तरस ते है देव और देवियाँl यशोदा की गोद में खेल रहे कन्हैया यह सुख को तरस ते है देव और देवियाँl
जिसने कभी रातों की नींदे छिनी मेरी अब बो रातों में याद आई गुमशुदा याद की तरह। जिसने कभी रातों की नींदे छिनी मेरी अब बो रातों में याद आई गुमशुदा याद की तरह।
हैं वो भी एक हिस्सा इस देश और समाज का, लगे करने अध्ययन जी जान से कुछ बनने की चाह में। हैं वो भी एक हिस्सा इस देश और समाज का, लगे करने अध्ययन जी जान से कुछ बनने की ...
जिसे कहते भारत का गौरव आज उस सम्राट की गाथा कहता हूं। जिसे कहते भारत का गौरव आज उस सम्राट की गाथा कहता हूं।
लेखक वही जिसने विनय, संयम, क्षमा को धारण किया है। लेखक वही जिसने विनय, संयम, क्षमा को धारण किया है।
महा ज्ञानी मैं पराक्रमी मैं भूल थी था जरा अभिमानी मै कुल भी उच्च मेरा। महा ज्ञानी मैं पराक्रमी मैं भूल थी था जरा अभिमानी मै कुल भी उच्च मेरा।