माँ का प्रेम
माँ का प्रेम
चाहे जितना परख लें लोग यहाँ,
अंत यही होगा;
माँ से बड़ा कोई हमदर्द नहीं होता,
माँ के आँचल से बड़ा कोई घर नहीं होता।।
चाहे जितना परख लें लोग यहाँ,
अंत यही होगा;
माँ से बड़ा कोई हमदर्द नहीं होता,
माँ के आँचल से बड़ा कोई घर नहीं होता।।