ऐ दोस्त
ऐ दोस्त
पिता की तरह डांटा,
मां कि तरह प्यार किया।
दुख में हंसाया,
सुख में साथ दिया।
दोस्त तो हजार थे,
कहानी को प्यार थे!
लेकिन वह प्यार नहीं पाया।
साथ हम खेले, साथ की पढ़ाई,
साथ फल चुराए, और साथ मिल के खाया।
एक करे मस्ती,
डांट मिल के खाई।
मुझे चोट लगती,
आंख उसकी भर आई,
जब मैं हंसू, तो उसके चेहरे पर मुस्कान आई।
यार तुझे आज कहने का मौका पाया
माता-पिता के बाद तू मेरी सूची में आया।
शुक्र है खुदा का,
मैंने तुझे यार कहने का मौका पाया।